मेरे आदर्श, मेरे पूज्य, जगजीत सिंह जी, जो आज इस दुनियाँ में नहीं हैं, इस बात पर दिल यकीन सा नहीं कर रहा है.
पर वास्तविकता यही है..कि मैंने जगजीत जी के साथ-साथ बहुत कुछ खो दिया है.. मेरी शामें और रातों की तन्हाईयाँ में अब वो मेरे साथ नहीं होंगे,
होंगी तो उनकी याद...उनकी रूहानी आवाज़... जिसने मुझे अब तक जिंदा रखा.... अश्रुपूरित श्रद्धांजलि स्वर्गीय जगजीत जी के लिए -
आज फिर आँख में नमी सी है,
आज फिर तेरी कुछ कमी सी है !
मेरे गीतों में रहा, तेरा वजू यूँ हरपल,
तू नहीं है, मेरे गीतों में कुछ ग़मी सी है !!
तेरा जाना यूँ अचानक, न रास आया मुझे,
यूँ लगे दिल की धडकनों में, कुछ कमी सी है !! suryadeep in sad mood :(