Saturday, May 21, 2011

for Ms. सुनीता भास्कर.... about the partition...विभाजन - 20/05/2011

विभाजन... कभी ख़ुशी नहीं देता...चाहे वो एक परिवार का हो, एक समाज का, समुदाय का या फिर एक देश का...इसके लिए जिम्मेदार.... हमेशा से राजनीती ही रहेगी...और रहेंगे वो राजनेता, जिनमें दूरगामी फैसले लेने की कमी थी,
और निज स्वार्थ ही जिनके लिए उस समय सर्वोपरि था. एक होड़ थी कुछ गिने चुने लोगों में अपना वर्चस्व साबित करने की, लोगों में अलगाव या साम्प्रदायिकता का जहर घोला जा रहा था.. उन्हें जान बूझ कर साम्प्रदायिकता की आग में झोंका गया था, ताकि लोगों में अलगाव की स्तिथि पैदा हो, और राजनेता एक पृथक देश की मांग कर सके.. क्योंकि जिस प्रकार से एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती, उसी प्रकार अब एक देश में दो प्रमुखों का होना उन राजनेताओं को स्वीकार नहीं था...

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