कुछ मोती बिन माला के..... (Kuch moti bin maala ke...)
Thursday, September 8, 2011
for Ms. Gunjan... 08/09/2011
गुंजन जी... यादें कभी पीछा नहीं छोड़ा करती....
"किसी-किसी का तो जीने का सबब हैं यादें !
दिल के मंदिर में रखी किसी मूरत का अदब हैं यादें !!
बीती कोई बात, यूँ ही बीत नहीं जाती,
सिरहाने रखी हो गर कोई बात, तो नींद नहीं आती !!
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