आज फिर इक गुनाह कर बैठे !
अपने ही दिल से सवाल कर बैठे !!
अपने ही दिल से सवाल कर बैठे !!
रंग महफ़िल का यहाँ, हमको, रास ना आया
उनके पहलू में कोई और, हमसे देखा ना गया ..
आग इस बज़्म में लगी कब, ये मुझे होश नहीं..
जल के दिल खाख़ हुआ, हमसे फिर जिया ना गया !! {suryadeep}
उनके पहलू में कोई और, हमसे देखा ना गया ..
आग इस बज़्म में लगी कब, ये मुझे होश नहीं..
जल के दिल खाख़ हुआ, हमसे फिर जिया ना गया !! {suryadeep}
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