Thursday, April 14, 2011

for Mr. Sudarshan Diwan....


सुदर्शन जी...बहुत खूब.... 
"हम जली राख से चिंगारी कोई उठा लेंगे,  
तेज जज्बात की आँधी से इसे सुलगा लेंगे, 
ख़त्म न होने कभी देंगे, तेरी याद को हम, 
लोग पूछेंगे पता तेरा, तो दिल अपना खोल देंगे हम,, 
 सुर्यदीप - १४/०४/२०११ 

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