Friday, April 29, 2011

for Ms. Kiran Meetu Srivatava.... - 30/04/2011

कई दिन हुए, तुम्हें यूँ ही उदास देखता हूँ मैं...
क्या अब भी तेरे ख्यालों में, आया करता हूँ मैं...
कहा था, ये दिल मत लो, परेशां खुद मैं इससे,  
क्या दर्द बन, अब भी तुम्हें रुलाया करता हूँ मैं....
सुर्यदीप - ३०/०४/२०११ 

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