Thursday, July 7, 2011

For Pratibimb Ji....

प्रतिबिम्ब जी...
इस बेहद खूबसूरत प्रभावित करने वाले देश भक्ति गीत में २ शब्दों का आक्रोश मेरी तरफ से भी...



उन गैर मुल्क दुश्मनों की, जान तुमने ली भली, 
पर आंधियाँ इस देश में, अब तक नहीं हैं क्यों टली, 
कर सर कलम तू द्रोह का, जन-जन तेरी आवाज़ हो...
जन-जन तेरी आवाज़ हो...
वतन की राह में, क्यों जवान ही शहीद हो....
क्यों जवान ही शहीद हो...
इस मुल्क की हर एक साँस, शहीद की मुरीद हो...
वतन की राह में, क्यों जवान ही शहीद हो......

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