Wednesday, January 11, 2012

For Mr. Suryadeep - Teen Patti - 10/01/2012 - Aarju, Dastak, Aashiyan


आरजू हो न सकी अब्त, यकीनन तेरी, 
फिर खुली आँख जो, दर पे हुई दस्तक तेरी !
बिखरा सामान आशियाँ  का आराईश मांगे, 
शायद उसने भी सुनी होगी कोई, आहट तेरी !!  सुर्यदीप अंकित त्रिपाठी - १०/१/२०१२

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