"मुझे पता है... आज तुम किसी और की हो...और हमारे बीच एक ऐसी दीवार है... जिसके इस पार मैं और उस पास तुम.. हमेशा रहोगी...
पर उन खुशबुओं का कोई क्या कर सकता है...जिन्हें कोई दीवार नहीं रोक सकती,,.. जो आज भी मेरे मन में घर बनाये हुए है...वही पहले प्यार की खुशबू...वही महक..जो कभी तेरे गेसुओं के जरिये मुझे नसीब थी...वो तुम्हारे होंठ... जो सिर्फ और सिर्फ मेरी चाहत की ही बातें करते थे... और तुम्हारी वह खूबसूरत हंसी.. जो मेरी जिंदगी में एक खूबसूरत सुबह की तरह, खुशनुमां मौसम की तरह कई बार...हर बार आई.. और जिसने मुझे जिंदगी को जीना सिखाया.. वो...सिर्फ तुम ही तो थी..."
फॉर - मिस. रश्मि नैनवाल - ९/१/२०१२ - पहला प्यार जिंदगी
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