Tuesday, November 29, 2011

For Mr. Sundar Srijak - 30/11/2011 - Raam & Raawan

रेखाएँ....सीता के लिए ही खींची गई थी...और आज भी...आज भी वही रेखाएं... हर सीता के सामने खींच दी जाती है.. समाज में बसते उस रावण के डर से...उसे आज भी एक निश्चित क़दमों तक ही चलने दिया जाता है...वह आज भी बंधक है... उसके परों को काट के..उसको उड़ने से रोक दिया गया है...
राम का रावण बन जाना अभी भी छुपा हुआ है.... क्योंकि उसका छुपा रहना ही राम का अस्तित्व है...तलाश हम जानबूझ कर नहीं करते...या करना नहीं चाहते... दूसरी ओर रावण का राम रूप भी छुपा दिया गया है...क्योंकि हर कहानी में एक खलनायक होता ही है... बिना उसके नायक को पूजा नहीं जाता...और जहाँ नायक खलनायक पर येन केन प्रकारेण विजय प्राप्त नहीं कर पाए...तो वो कहानी भी अधूरी ही रहा करती है..... 'शुभ

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