Wednesday, November 23, 2011

for Ms. Mamta Joshi - (Teen Paati) 23/11/2011

तेरी आँखों से छलकती है जो,
मय वो मयस्सर कब होगी...
खाली पैमाना लिए बैठे हैं..
दर पे तेरे कब से ओ साकी....! :) गुस्ताखी माफ़

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