Thursday, December 8, 2011

For Mr. Ashok Rathi - 9/12/2011 - TEEN PAATI - SAT RAJ TAM


सत मानस एक रूप हरी, रज एक मूल विधाय,
तम एक खंभ महेश सम, सृष्टी देहि रचाय !!   
अर्थात - पौराणिक शास्त्रों के अनुसार सत को एक बीज की संज्ञा दी गई है, बीज जहाँ से उत्पत्ति होती है, और उसे हरी अथवा विष्णु के सामान माना गया है.
रज को एक जड़ माना गया है, जो बीज से उत्पन्न हुई है और ब्रह्मा उनका नाम है, इसी प्रकार जड़ से उत्पत्ति हुई है एक स्तम्भ की, एक तने की, जो शिव शंकर का पर्याय है, इन तीनों गुणों से मिलकर सृष्टी का निर्माण हुआ करता है. कई जगह इन तीनों शब्दों का उल्लेख वानस्पतिक संधर्भ में भी लिया गया है. {सुर्यदीप}

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