Tuesday, December 20, 2011

For Teen Paati... 19/12/2011

कोहरे के बादल पर अंकित,
धुंध सी कोई कल्पना तेरी...
कभी छंट जाती, कभी छा जाती, 
यही यादों का अंदाज़ मेरी....  
"तेरी कल्पना...तेरी.. तस्वीर...जैसे कि कोहरे के बादल में लिपटी हुई....कभी दिखाई देती...कभी खो जाती....जैसे मेरी यादें......."

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