Thursday, December 15, 2011

For Ms. Sunita Lakhera - Teen Paati - Kar, Kavi Kalpana - 15/12/2011


"ब्रह्म रचे ब्रह्माण्ड को, कर दिनकर-निशि एक,
क्षण में सृष्टी रचाई  दे, कर कवि कल्पना एक !!" 
अर्थात - "जिस सृष्टी को रचने के लिए ब्रह्मा अपने हाथों से अनवरत प्रयास रत रहते हैं.. उसकी रचना एक कवि, मात्र कल्पना से ही कर देता है ".


 सुर्यदीप - १५/१२/२०११ 

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