कुछ मोती बिन माला के..... (Kuch moti bin maala ke...)
Tuesday, March 29, 2011
For Ms. Kiran Meetu Srivastava... tu jaane na.....
तेरी बाजुएँ हैं मेरी, जीने की वजह,
तेरी साँस मेरी साँस है
मेरी उम्र यूँ ही कटे, जुल्फों के तले,
जिन्दगी की तू ही आस है...
कैसे बिन तेरे, मैं जी सकूंगा, मन को मैं ये समझाऊं...
तू जाने ना....दिल माने ना.....
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